What is radiation? रडियेशन क्या होती है?
रेडियेशन एनर्जी होती है जो वेवण या बारता के वाले मेंर आईनाइज्विन रेडियेशन. नान आईनाइजंग् रेडियेशन एंगल एनर्जी फॉर्म करती है, इसमें इतनी यूटो इस तरह की रेडियेशन खेल्त के लिए रिस्क क्रियेट नहीं करती है, लेकिन ऐसे वर्कर्स जो रेगुलर्ली नॉन आयनाईजिंग रेडियेशन की किसी सौर्स के कौंटाक्ट में आते हैं,तो उन्हें इस प्रोसेस में प्रिडूस होने वाली हीट से खुद को बचाने की सरूरत हो सकती है. रेडियेशन का दूसरा टाइप होता है आयनाईजिंग रेडियेशन. इस तरह की रेडियेशन में इतनी एनर्जी होती है कि ये आटम्स या मॉलिक्यूल्स में से एलेक्ट्रॉन्स को डिटाच कर सकती है.
Effects of radiation? विकिरण का प्रभाव?
ऐसा होने से अटॉमिक लेवल में चेंज़िस हो सकते हैं जो ना केवल मैटर में बलकि लिविंग औरगणिजम्स में भी पॉस्टिबल है. इस रेडियेशन की हाई डोज़िस हुमन बाड़ी में सेल्स और औरगण्स को डामेच कर सकती है और डेथ का रीजन भी बन सकती है लेकिन अगर डोज़िस और यूजिस सही हो और प्रोटेक्टिव मेज़र्स का भी ध्यान रखा जाएं, तो इस तरह की रेडियेशन बेनिफीशल भी होती है जैसे एनरजी प्रोड़क्षन में, इंडिस्ट्री में, रिसर्च और मेडिकल डाइकनॉस्टिक्स में, एलफा, बीटा, गामा रेज और एक्सरेज इसी तरह की रेडियेशन होती है ब यह रेडियेशन की दोनों टाइप्स जान लेने के बाद, अब बारी आती है रेडियेशन के खेल्पफुल आस्पेक्त को देखने की
रेडियेशन से होने वाला लाभ benefits of radiation
तो चलिया देखते हैं कि कौन-कौन से जगह में रेडियेशन हमारे लिए बेनिफीशल रहा करती है तो रेडियेशन के बनिफ़िट्स की बात करेंतो Medicine, Academics, Industry, Agriculture, Archaeology, Space Exploration, Law Enforcement, Geology जैसे फिल्स में लिए जाते हैं। ये कैनसर ट्रीट्मेंट होता है, जसे हाइ अनरजी एकसरे और अदर पाटिकलס का इज़ होता है. गेंसर सेलस को डिस्ट्रोय करने के लिए सोलर एनरजी और नुकलियर एनरजी के फार्म में एलेक्रिसिती प्रिडूस करने में भी रेडियेशन का यूज होता है वेस्ट वार्टर को ट्रीट करना हो या क्लाइमट चेज के लिए रेजिस्टेंट नू प्लांट वेराइटीज क्रियेट करनी हो रेडियेशन से ये भी पॉस्सिबल है इर रेडियेशन में फूड्स, मेडिकल एक्विप्प्मेंट और अधर सबस्तेंस को जर्म प्री बनाने के लिए एक्सरेस जैसी रेडियेशन यूज की जाती है टॉक्सिक पॉल्लूटेंस को रिमूब करने में भी तो रेडियेशन यूज होती है और एग्रीकल्चर इंडश्री में, फूड प्रड़क्शन और पैकेजिंग को इंप्रूब करने में भी इसका यूज किया जाता है रेडियेशन का ग्रेटिस्ट यूज तो नुकलियर फिज़न से एलेक्रिसिटी प्रडूस करने में होता है अब इतने सारे बेनिफिस जानने के बाद ये तो मानना ही पड़ेगा कि रेडियेशन का जहां सही तरह से यूज किया गया है वहाँ रेडियेशन बहुत फैप साथ रही है। और हमारी प्रॉब्रेसस में रेडियेशन का काफी जादा है
लेकिन ये रेडियेशन ही हामफुल भी बहुत होती है और इसके हेल्थ रिस्क इतने जादा होते हैं कि बॉड़ी में DNA तक को डिस्ट्रॉय कर सकते हैं। ऐसी सेल्स रेडियेशन के लिए बहुत साथा सेंसिटिव होती है जैसे बलड सेल्स और रीप्रोडक्टिव सेल्स।जब रेडियेशन इकस्पोजर 200 रेम्स तक हो तो रीप्रोडक्टिव ट्राक्ट की सेल्स अफेक्ट हो सकती है। पाएंडड़ सेल्स को जैसे बहुत वहेत दापतं के लिए है। इस लिए इन यहां कैंसर सेल्स को किल करने के लिए यहां कैंसर धेरिपी में रेडियेशन का यूसबर कर रहा है। बोडी सेल्स को अफ़ेक्ट करने वाली रेडियेशन हार्ट और ब्रेइन जैसे वाइटल औरगंस तक को अफ़ेक्ट कर सकती हैं। अगर रेडियेशन का इंटेंस एकस्पोजर हो यानी 1000 से 5000 रेम्स तक, तो ये हार्ट की फंक्षणिंग को अफ़ेक्ट कर सकता है। Radiation से नर्व चीञान थर्प वाले की बन जॉब के हम्य नपं कर सकते हैं, जिस से विक प्रचीका कśli की कि अर्पनों के बंगिंगत थर्पने रेडियेशन अफ़ेक्ट यहां हो सकती है straw tights? 200 रेम्स रेडियेशन के will dépend on the rad alternatives and collected data available at the facility. आप जान गए हो कि रेडियेशन हमारे लिए बहुत जरूरी भी है तो बहुत हाम्फुल भी है। इसकी डोजेज और यूज करने की तरीके से डिसाइड होता है कि रेडियेशन का कैसा असर होगा। लेकिन यहाँ पर एक बात समझनी बहुत जरूरी है कि जो लोग लगाता रेडियेशन के कोंटैक में आते रहते हैं, उनके लिए रिस्क जादा बढ़ जाता है।
इसलिए रेडियो एकटिव मटिरियल के कोंटैक में रहने का टाइम अमांट कम करने की जरुरत होगी। अब जानते हैं डिस्टिंस के बारे में तो रेडियू एक्टिव सोर्स के जितना क्लोस रह जाएगा उतना ही जादा रेडियेशन इक्सपोजर होगा। रेडियेशन एनर्जी के टाइप पर भी इक्सपोजर दिपेंड करता है क्योंकि गामा रेस तो लाइट की स्पीड से ट्रावल करती है, वहीं बीटा पार्टिकल्स केवल दस पीट का डिस्टेंस कवर कर सकते हैं. एलफा पार्टिकल्स केवल कुछ इंच तक मूव करते हैं, लेकिन ये एलफा पार्टिकल्स इनहेल या इंजेस्ट भी हो सकते हैं, जिससे लिविंग टीशू के डामेज होने का रिस्क बन सकता है. और अब थर्ड पॉइंट आता है शील्डिंग, जिसके जरीए रेडियेशन इकस्पोजर को कम किया जा सकता है. लेकिन हर तरह की रेडियो एक्टिव एनरजी को ब्लॉक करने का तरीका अलग-अलग होता है, जैसे की एलफा पार्टिकल्स को ब्लॉक करने के लिए कुछ हिंच का एयर स्पेस, वार्टर स्पेस या एक पतली शील्ड रखी जानी चाहिए. और गामा रेज से शील्डिंग के लिए वुल ब्लैंकेट्स या प्रोटिक्टिव प्लोधिंग की जरुरत होगी. इसका मतलब लगातार रेडियेशन के कौंटैक्ट में आने वाले लोगों को खास कर जो लोग इस तरह के एरिया में काम करते हैं, उन्हें इन तीनों पॉइंट्स को ध्यान में रखना चाहिए.
और उन्हें पता होना चाहिए कि वो किस तरह के रेडियेशन सोर्स के कौंटैक्ट में आते हैं, ताकि उसके अकौर्डिंग वो अपना मैकसिमम प्रोटिक्शन कर सकें. कई बार रेडियेशन एमरजेंसी की सिट्वेशन भी आ जाती हैं जब लार्ज स्केल पर रेडियो लॉजिकल रिलीज होना होता है, जिसी नुकलियर पावर प्लांट एकसिडन्ट में. ऐसे में अपना और अपनी फामिली का मैकसिमम प्रोटिक्शन इंशौर करने के लिए इन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए. घर या किसी बिल्डिंग के अंदर ही रहना चाहिए, विंडोज और डोर्स बंद रखने चाहिए, बोटल्ड वार्टर और सील्ड कंटेनर्स का फूड ही खाना चाहिए. अगर रेडियेशन के कोंटैक्ट में आए हो, तो बॉड़ी के खुले हिस्सों को गीले कपड़े से साफ कर लेना चाहिए. अगर पॉसिबल हो तो नहा कर सा कपड़े पहन लेने चाहिए. ऐसा करके बहुत हद तक रेडियेशन इकस्पोजर का असर कम किया जा सकता है. इसके साथ साथ रेडियो, टेलेविजिन या इंटरनेट के तुरू लेटेस्ट उफिश्यल इंफुमेशन आपको हमेशा लेते रहना हैं. और इसी के साथ, आपके पास रेडियेशन से जुड़ी बहुत सारी ज़रूरी जानकारिया आ गई हैं. इसलिए इन जानकारियों क
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