Vitamin B-1 की कमी से होती है दिनभर थकान, Heart Diseases, जानिए क्या करें

 

शरीर को हेल्दी रहने के लिए अलग अलग तरह के पोषण की जरूरत होती है जैसे कि कैल्शियम, मिनरल्स, विटामिन्स वगैरह वगैरह। आज के एपिसोड में हम ऐसे ही एक विटामिन के बारे में बात करेंगे जो आपको बहुत ही आसानी से अब दिखाने में मिल जाता है और यह है विटामिन बी वन या फिर थाई मन। ये आपके लिए कितना जरूरी है या आप सोच भी नहीं सकते। हो सकता है आपको रोज़ कुछ ऐसे लक्षण दिख रहे हो जो बिमारी जैसे महसूस होते हों। प्रशांत है कि आप असल में बीमार नहीं है, केवल इसकी कमी से ग्रसित है। हमने एक्स्पर्ट से पूछा की थी मन शरीर के लिए क्यों जरूरी होता है, इसकी कमी से क्या नुकसान होते हैं? और किन खाने की चीजों में ये मिल जाता है.

मतलब बी वन वाइटमिन एसेन्शियल वाइटमिन माइक्रोन्यूट्रिएंट्स न पार्टी ये वाटर सॉल्यूबल है और नैचुरली हमारे फूड में मिल जाता है। जीतने भी डाइटरी सप्लिमेंट, जो कमर्शल, डाइटरी सप्लीमेंट्स है, उसमें मिल जाता है। मेडिसिन में भी वाइटमिन भिवानिया था। हमें मिलता है।

ये इम्पोर्टेन्ट है की ये जो बी वन है, थाइमिन है, वो हमारे माइक्रो न्यूट्रिअन्ट्स को एनर्जी में कन्वर्ट करता है और ये एनर्जी हमारे बॉडी के लिए इस वेरी इम्पोर्टेन्ट स्पेशल ली। ये ब्रेन है हेल्थ ऐंड नर्वस सिस्टम के लिए इट्स वेरी वेरी वाइटल न्यूट्रिएंट, जो उसकी मतलब ऐक्टिविटी मतलब बेटर ऐक्टिविटी के लिए रिस्पॉन्सिबल है ऐंड नंबर टू है। मसल कंट्रक्शन मसल कंट्रक्शन कंडक्शन के लिए जितनी मतलब जैसे नव सिग्नल्स चाहते हैं तो ये जो पूरे प्रोसीज़र है

ऐम बी वन हेल्प करता है, सो मसल कंट्रक्शन कंडक्शन के लिए भी मुनाफ सिग्नल्स को कंडक्शन के लिए भी इम्पोर्टेन्ट ऐंड हार्ट फंक्शन के लिए भी बीट वन बी वन के रोल बहुत इम्पोर्टेन्ट है।

अगर विटामिन बी वन हमारे बॉडी में ना हो तो क्या हो सकता है? तो हैं की फटीग के पूरे दिन थोड़ा सा लेते जी रखना ठीक नहीं ना लगना, इरिटेट लिटी, चिड़चिड़ापन वेट लॉस हो ना ओवरऑल इम्युनिटी जो है वो कॉंप्रमाइज़ हो जाता है। मसल वीकनेस हो जाता है इवन इफ अब्डॉमिनल डिस्कम्फर्ट होता है। फिर लॉस ऑफ ए प टाइट है स्लीव डिस्टर्बैंसेस है की इनसोम्निया जीसको हम बोलते है।तो ये नोर्मल्ली देखा जाता है अगर विटामिन बी वन की डेफिशियेंसी होती है। ये सब से अच्छा मिलता है जिसे फिश या पॉक जो वेजिटेरियन है, उनके लिए बीन्स है, लेन्टिल स् है, संकला सीड्स है, ग्रीनपीस है, मशरूम हैं, स्पिनर्स है ऐनी ब्रेकफस्ट जो 45 ब्रेकफस्ट सिरियल्स है वो भी ले सकते हैं राइस इस वेरी इम्पोर्टेन्ट नूडल्स ये सब में वाइटमिन भी वन होता है तो हमारे बॉडी में विटामिन बी वन की जरूरत सबसे ज्यादा है।सो हमें ध्यान रखना है। मतलब सबसे ज्यादा इन द सेन्स इट्स वेरी इम्पोर्टेन्ट वाइटल न्यूट्रिएंट ऐम से। 

सो हमे वाइटल बी वन का ध्यान रखना है की हमारे डाइट में वो ठीक मात्रा में है या नहीं है फिर विटामिन बी वन। ये आपके लिए इतना जरूरी क्यों है ये आपने सुन लिया? ये खाने की चीजों में बहुत ही आसानी से मिल जाता है। वेज नॉनवेज दोनों बस बताई गई चीजों को अपनी डाइट में शामिल जरूर करिए। अब बढ़ते हैं सेहत के अगले सेगमेंट की तरफ तन की बात। डेंगू के केस बढ़ने लगे हैं। इसके बारे में कुछ जरूरी बातें jaan  lijiye डेंगू के केस देश में दोबारा बढ़ने लगे हैं। दिल्ली, हरियाणा में बहुत तेजी से इसके मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे भी डेंगू के बारे में कुछ बातें जानना बहुत जरूरी है। डॉक्टर मनीष गर्ग ने बताया कि डेंगू एक वायरल बिमारी है जो एक वायरस से फैलती है। डेंगू चार प्रकार का होता है डेंगू 123 और फ़ोर दूसरी बार होने वाला डेंगू पहली बार होने वाले डेंगू से ज्यादा खतरनाक होता है। डेंगू एडीज मच्छर के काटने से होता है और ये मच्छर अगर डेंगू से ग्रस्त किसी व्यक्ति को काटने के बाद

आपको काटता है तो आपको टेंगू बुखार हो जाता है। यह मच्छर दिन में ज्यादा काटते हैं। ये ठंडी और छांव वाली जगह में ज्यादा रहते हैं। आर्टिफिशियली कलेक्टेड वाटर जैसे की कूलर में भरा हुआ पानी, फूलदान में जमा हुआ पानी, घर के आसपास जमा पानी और गड्ढ़ों में भरे पानी में मच्छर ज्यादा मिलते हैं। जहाँ ये मच्छर पैदा होते हैं उसके 300 मीटर के दायरे में लोगों को इन्फैक्ट करते हैं। ये ज्यादा ऊंचा या दूर तक नहीं उड़ पाते। मच्छर काटे के 5-6 दिन के बीच लक्षण दिखाई देने लगते हैं। ठंड लगकर तेज बुखार आना सिर दर्द

आँखों में दर्द, बदन में दर्द, जोड़ों में दर्द होना जैसे लक्षण महसूस होते हैं। आमतौर पर डेंगू में कभी कभी उल्टी, दस्त और शरीर पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं। जटिल डेंगू को हेमरैजिक फीवर के नाम से भी जाना जाता है और इसमें आंख, नाक से और शरीर के अन्य भागों से ब्लड फ्लो तक हो सकता है। डेंगू हेमरेजिक फीवर में शरीर में प्लेटलेट्स की कमी काफी ज्यादा हो जाती है, जिसकी वजह से ब्लड फ्लो देखने को मिलता है। इसलिए आपको डेंगू से बचकर रहना है। अपने आसपास सफाई रखें, कहीं भी पानी जमा ना होने दे, समझे अब बारी सेहत के आखरी सेगमेंट की खुराक यानी एक झटका सी टिप जानिए। बादाम अखरोट कुछ सीट्स को ऐसी चीज़ो को भिगोकर खाने की सलाह क्यों दी जाती है?

नाच, ड्राइफ्रूट्स, बीज यानी सीड्स और अनाज ये सभी कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और कुछ लोग इन्हें कच्चा, भूनकर और स्प्राउटेड भी खाते हैं। आमतौर पर रहे फ्रूट्स को भिगोकर खाने की सलाह दी जाती है पर आपने कभी सोचा है ऐसा क्यों? साथ ही नाँस ड्राई फ्रूट्स और सीड्स को खाने का सही समय क्या है इसके बारे में हमें बताया डाइटिशन अमृता मिश्रा नु। वो कहती हैं कि ऐसी कई चीजें हैं जिन्हें रात भर भिगोकर सुबह खाली पेट या फिर नाश्ते में लिया जाए तो बहुत फायदा होता है। इनमें मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा

दो गुना तक बढ़ जाती है। साथ ही आसानी से इसे बचाया भी जा सकता है। जो चीजें आसानी से पहुँच जाती है उनकी सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। इनको लेने से आप सिर्फ हेल्थी नहीं बल्कि इन बीमारियों से भी दूर रहते हैं। जैसे बादाम को रात भर भिगोकर खाने से लिप्प्स नाम का एंजाइम निकलता है और यह आपको मानसिक और शारीरिक रूप से सवस्थ रखने में मदद करता है। मुनक्का भी आपकी सेहत के लिए फायदेमंद है। ये मैग्नीशियम, पोटैशियम और आयरन का भंडार है। इसको लेने से शरीर में कमजोरी दूर होती हैं। आइरन की कमी पूरी होती है।

और किडनी से जुड़ी प्रॉब्लम भी ठीक होती है, जिसे आप पानी में भिगोकर या दूध में उबालकर रात में सोते समय लें। एक बाल्टी टेंशन अमृता मिश्रा ने और बताई है कि हर दिन पांच ग्राम से ज्यादा ड्राई फ्रूट सीट सौर या नट्स ना खाएं। आप चार पांच बादाम खा सकते हैं। दिन में एक बार सुबह मुनक्का आप तीन से चार ले सकते हैं। या तो पानी में भिगोकर या फिर दूध में उबालकर आज सेहत पर। इतना ही अगर आप एक डॉक्टर हैं, हमसे कुछ शेयर करना चाहते हैं तो जो ईमेल आई डी इस वक्त आपको अपनी स्क्रीन पर दिख रही है, उस पर हमें


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