जल्दी वजन घटाने के लिए इंटरनेट पर कई सारी अलग अलग तरह की डाइट मौजूद है। हर कुछ समय में कोई डाइट प्लान सोशल मीडिया पर छा जाता है और उसकी पॉपुलैरिटी को देखते हुए लोग बिना किसी एक्स्पर्ट की सलाह लिए फॉलो भी करने लगते हैं। मिलाये जाने की उस डाइट का उनकी सेहत पर उनके शरीर पर किस तरह का असर होगा। आजकल वेट लॉस के लिए एक डाइट बहुत सुर्खियां बटोर रही है और इसका नाम है सी को डाइड। हमें सेहत पर कई सारे व्यूवर्स के मेल आये हैं जो इस डाइट के बारे में और जानना चाहते है।
ये कैसे की जाती है? कैसे वाकई वसंत जल्दी घट जाता है? कहीं इसका कोई नुकसान तो नहीं? अब इन सारे सवालों के जवाब जानने के लिए हमने बात की है एक्स्पर्ट से तो सुनिए ये डाइट आपके लिए बनी है या नहीं। का अर्थ है जिसका फुल फॉर्म है वो है कैलोरी इन कैलोरी आउट। तो इस ये डाइट एक जो आज कल डाइटिंग जो की जा रही है ये भी एक तरह की डाइटिंग की प्रक्रिया है जिसमें हमें अपने कैलोरी इन हमने कितनी कैलोरीज़ ली उसका ध्यान रखना होता है। साथ साथ कितनी कैलरीज हमारी बर्नआउट हुई तो दोनों चीज़े कैलकुलेट होती है। बिलकुल इसे करने से बिल्कुल हमारे वजन में बढ़ते भी वजन में या जो हमारा पहले से जमा हुआ वसा या फैट है उसमें घटता है हमारा हाँ, बिलकुल वजन घटता है लेकिन इसके कई साइड इफेक्ट्स भी हमें देखने को मिलते हैं।
लेकिन अगर सिर्फ इतना पूछा जाए कि किसी को एक शॉर्ट टर्म में अपना वजन घटाना है तो उस केस में बिल्कुल हेल्पफुल है। सीखों। डाइट का सबसे पहला खतरा ये होता है की हम जितनी ही तेजी से इस में अपने वजन में कटौती देखते है की कम हो रहा है। हमारा वजन चार जैसे ही हम अपने नॉर्मल पैटर्न में वापस आते हैं, हमारा कैलोरी का इंटेक नॉर्मल हो जाता है और कैलरी बर्न आउट भी उतना नहीं हो रही होती है। चार से पांच महीनों में हम उससे ज्यादा डबल अपना वजन देखते हैं, बढ़ चुका होता है। यह एक सबसे बड़ा खतरा है और जब हम अपना वजन पहले से भी दो गुना ज्यादा बड़ा हुआ देखेंगे तो आजकल वजन से रिलेटेड जितनी भी और दिक्कतें हैं जैसे की आपका ब्लड शुगर लेवल में डिस्टरबैंस आना, आपका हाइपर टेंशन या आपका कार्ड डिज़ीज़, ये सब में भी आपका एक प्रोग्रेसिव नोट देखा जाता है। उन में भी बढ़ोतरी आती है तो ओवरऑल डाइट के नुकसान हमें ज्यादा देखने को मिलते हैं। इसके लिए हमें सबसे पहले तो किसी स्पेशलिस्ट के पास, किसी डाइटिशन या न्यूट्रिशनिस्ट के पास या कैसे भी अभी किसी ऐसे इंसान के पास जाना है जो की हमारी कैलरी रिक्वायरमेंट क्या है? पूरे दिन की हमे वो बता सकें।
हमारे बेसल मेटाबॉलिक रेट बीएमआर के थ्रू हमें बता सके कि हमें कितनी कैलोरी की जरूरत है ऑफ कोर्स जब हमें हमारी कैलरी इनटेक कितना होना चाहिए वो पता चल जाए या हमारा कैलोरी एक्स्पेन्डचर की हमारा कितना कैलरी पूरे दिन में जा रहा है। हमें ये चीज़ पता चल जाये तो हम सैलरी में कट डाउन करना शुरू करेंगे। कुछ ऐसा मील फॉलो करेंगे की हमारी कैल्विन जितना बर्न हो रही है, उस उतने को पूरे ना करे, उससे कम कैलोरी ले। ऐसे डाइट प्लैन जब हम किसी एक्स्पर्ट के थ्रू लेंगे तो हमें पता चल जाएगा किसी को डाइट प्लैन किस तरह से कैसे वर्क करती है, एक हिदायत जरूर है खुद से सीखो डाइट कभी भी प्लैन ना करें क्योंकि कई बार हमारे शरीर से जुड़े कई तरह की बीमारियां होती हैं। कई तरह के हमारे ब्लड रिपोर्ट में ऐब्नॉर्मल इट इज़ होती है। सो उन सब को अगर ध्यान में ना रखके हम खुद से कुछ भी प्लैन कर के खा लेंगे तो हमें डाइट के और भी कहीं ज्यादा नुकसान देखने को मिल सकते हैं।
ये खुद सेना ट्री करके किसी स्पेशलिस्ट के पास जाके उनसे पूछ के ही फॉर्वर्ड किया जाए। जैसे की आपने सुना, एक्स्पर्ट ने इस बात पर बहुत ज़ोर दिया है की बिना डाइटिशन की सलाह के सीखो डाइट खुद करने की कोशिश ना करें। इससे फायदे से ज्यादा नुकसान हो सकता है। अब बढ़ते हैं सेहत के अगले सेगमेंट की तरफ तन की बात जानिए कुछ लोगों को दूध क्यों नहीं बच पाता? कुछ लोगों को दूध एकदम नहीं बच पाता और इसके पीछे वजह हो सकती है डेरी एलर्जी और लैक्टोस इनटॉलरेंस। इनके बारे में हमें और जानकारी दी डॉक्टर नीतू तलवार ने। डेयरी एलर्जी तब होती है जब दूध में मौजूद प्रोटीन के खिलाफ़ ऐक्ट करता है। इसमें इम्यून सिस्टम भी शामिल होता है। इसका असर और लक्षण पूरे शरीर में देखने को मिलते हैं क्योंकि इम्यून सिस्टम को ऐसा लगता है कि दूध का प्रोटीन शरीर के लिए हानिकारक है। लैक्टोस इन्टॉलरेंट बहुत खतरनाक बिमारी नहीं है जिसमें शरीर दूध के अंदर मौजूद लैक्टोस के शुगर यानी चीनी के खिलाफ़ रिऐक्ट करता है। लैक्टोस में मौजूद शुगर को ना बचा पाने के कारण ऐसा होता है और आमतौर पर लैक्टोस का जो पाचन होता है वो छोटी आंत में होता है।
जब शरीर में लैटेस्ट एंजाइम की कमी होती है तब लैक्टोस का पाचन नहीं हो पाता और ये नीचे जाकर बड़ी आंत में जमा होता है जिसकी वजह से एसिड और गैस बनती है। अगर आपको दूध पीने के बाद उल्टी गैस बनना है या फिर कब्ज की शिकायत हो रही है तो आपको डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए। संजय अब बार यह सेहत के आखरी सेगमेंट की खुराक यानी झटका सी है। जानिए क्या क्या चीजें खाने के बाद पानी नहीं पीना चाहिए और क्यों? तरबूज, खरबूजा, खीरा, ककड़ी ये उन फलों के नाम हैं जिनमें भरपूर पानी होता है और अक्सर डिहाइड्रेशन से बचने के लिए इन्हें खाने की सलाह भी दी जाती है। लेकिन साथ में ये भी जरूर कहा जाता है कि इन्हें खाने के बाद पानी नहीं पीना चाहिए। यही नहीं भुट्टा खाने के बाद भी तुरंत पानी न पीने के लिए कहा जाता है। अब इसके पीछे वजह क्या है ये जानने के लिए हमने बात की। टेंशन अमृता मिश्रा से। तरबूज, खरबूजा, खीरा और ककड़ी ये सभी गर्मियों में आने वाले फल और सब्जियां है। इनको खाने से बॉडी में पानी की कमी नहीं होती।
साथ ही यह पानी फाइबर और नैचरल शुगर से भरपूर होते हैं। अगर आप इन्हें खाने के बाद पानी पी लेंगे यानी तुरंत बाद पानी पी लेंगे तो इससे पेट का पीएच लेवल बिगड़ जाएगा, जिससे डाइजेशन में तो दिक्कत होगी ही साथ ही ब्लोटिंग और उल्टी दस्त होने का भी खतरा होता है। यही नहीं पेट में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया जो डाइजेशन में मदद करते हैं, पानी की मात्रा ज्यादा होने से पूरे जी ट्रक में फैल जाएंगे। जीआई ट्रैक्ट यानी मुँह से लेकर मल द्वार तक का वो रास्ता जहाँ से खाना शरीर के अंदर आता है और डाइजेशन के बाद मल के रूप में शरीर से बाहर निकल जाता है। अब बात करते हैं कि भुट्टा खाने के बाद पानी क्यों नहीं पीना चाहिए? दरअसल भुट्टे में काफी ज्यादा स्टार्स और कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट होता है। भुट्टा खाने के तुरंत बाद पानी पीने से पेट में एसिडिटी की प्रॉब्लम होने के साथ साथ पेट में दर्द भी हो सकता है। लेकिन अगर आप को बहुत प्यास लगी है और बिलकुल भी नहीं रोका जा रहा है तो आप भुट्टा खाने के करीब आधे घंटे के बाद पानी पी सकते हैं।